लेखनी प्रतियोगिता -03-Jul-2023 बनी जिंदगी पहेली
शीर्षक-बनी जिंदगी पहेली
कई बार दी हमने दस्तक,
कई बार झुकाए मस्तक,
फिर भी न समझे तुम धड़कन।
दिया जब तुमने हमें तलाक,
देखकर हुई मैं अवाक,
हुआ दिल मेरा हलाक।
जैसे किरच के टुकड़े होते हजार,
वैसे टूटा दिल बार-बार,
दिल पर पड़ी अब दरार।
कैसा था यह रिश्ता,
जो तुमने तोड़ा ये नाता,
नहीं चाहिए कोई समझौता।
क्यों करते हैं लोग ऐसा,
वादा करके मुकर जाते,
तलाक पेपर देकर फिर मुस्कुराते।
जरा भी नहीं होती दिल में सोच,
देते जो हमको गहरी खरोंच,
छलनी हो जाती हमारी नेह।
कितनी मन्नतो के बाद जुड़ा,
फिर भी तुमने रिश्ता तोड़ा,
अपने दिल का रुख मोड़ा।
जरा भी ना आया विचार,
सजाए तुम्हारे लिए सोलह श्रृंगार ,
एक पल में तोड़ दिया मेरा संसार।
रह गई हूॅं अब अकेली,
बन गई जिंदगी पहेली,
तन्हाई बनी अब सहेली।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Alka jain
04-Jul-2023 12:50 PM
Nice 👍🏼
Reply
Shashank मणि Yadava 'सनम'
04-Jul-2023 08:07 AM
तन्हा की जगह तन्हाई करें तो बेहतर होगा,,,,, तन्हाई बनी अब सहेली,,
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
04-Jul-2023 08:07 AM
सुन्दर सृजन
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